Jivan me Pariwar ka mehtav जीवन में परिवार का महत्व

हेलो दोस्तों

दोस्तों कैसे हे आप दोस्तों आप को थौघ्तकिंग्स के पोस्ट जरूर पसंद आरहे होंगे , ये मेरा मन्ना हे
और दोस्तों मेरी हमेशा  ये कोशिश रहेगी की में आप केलिए बढ़िया और क्वालिटी पोस्ट लिखू तो दोस्तों आज इस कड़ी  को आगे बढ़ाते हुए में आप केलिए आज एक नई पोस्ट लाया हु ,आप को जो बहुत पसंद आएगी दोस्तों इस पोस्ट का नाम हे ,जीवन में परिवार का महत्व 

दोस्तों में आज आपसे पूछता हु ,की हमारे जीवन में परिवार का क्या महत्व हे , क्या हम परिवार के बिना रह सकते हे या नहीं , दोस्तों में आज आपको बताता हु , की जीवन में परिवार का क्या महत्व हे ,

दोस्तों सबसे पहले आप एक बात समझले की आज कल के जमाने में परिवार दो तरह के  होते हे , एक छोटा  परिवार और एक बढ़ा परिवार या सय्युक्त परिवार

पर दोस्तों पहले के जमाने में ऐसा नहीं था आज से कुछ साल पहले जब हम बचपन में थे या उससे कुछ और समय पहले के सब परिवार के लोग एक साथ रहते थे ! चाहे वो सब लोग अलग - अलग क्यों न काम करते हो पर शाम   को सब साथ में बैठ के खाना खायेगे और बातचीत  करते हे और सब का हाल चाल पूछते थे , और दोस्तों उस समय हर परिवार में एक मुखिया होता था , जो सारे परिवार को कंट्रोल करता था , वो घर को अपने हिसाब से चलाता था और सब लोग उसकी बात मानते थे !

दोस्तों पहले सब उस मुखिया की बात मानते थे जैसा वो बोलता था वैसाही होता था , कोई उसके विरुद्ध नहीं  जाता था वो सब का अपने हिसाब से ख्याल रखता था , और सब लोग खुश रहते थे ! और दोस्तों पहले पूरा घर मुखिया के हाथ से चलता था जोभी चीज खरीदना बेचना हो सब उसके हाथ में रहता था  दोस्तों जब घर के किसी भी सदस्य के लिए कुछ सामान खरीदना होताथा तो वो घर का मुखिया खुद ही खरीदता था , और दोस्तों पहले घर में खाना बनता था तो सब लोग एक साथ बैठ के खाते थे जो नहीं आया हो ता तो उसका इंतजार होता था और फिर सब लोग साथ में खाते थे

पर दोस्तों अब ऐसा नहीं होता हे अब दुनिया में हर इंसान चाहे वो लेडिस हो या जेन्टस अकेले रहना चाहते हे ,याने छोटे परिवार में रहना चाहते हे , सब अपनी मर्जी के मालिक रहना चाहते हे , और अब पहले जैसा घर का मुखिया भी नहीं रहता आज कल सब का अपना अपना अलग काम होता हे अपना अपना बिजनेस होता हे , की सी के पास किसी के लिए टाइम नहीं हे ,

दोस्तों आज के परिवारों में वो सब काम धीरे धीरे बंद होते जारहे हे जो पहले के सय्युक्त परिवारों में होते थे दोस्तों पहले अगर घर में शादी होती थी तो पूरा परिवार एक दो महीने पहले सेही तैयारी करने लगते थे सब खुश रहते थे  सब घर में शादी का इंतजार करते थे , और पहले अपने रिश्तेदार लोग होते थे जैसे मामा, भुवा ,मौसी अदि ये भी सब पहले से आके इंजॉय करते थे , दोस्तों पहले बहुत अच्छा माहौल होता था ,हा दोस्तों में भी बचपन से ऐसे परिवार में रहा हु , मुझे भी इन चीजों का अनुभव हे जो में आज आपको बता रहा हु
और दोस्तों मेरा मानना हे की आप भी पहले ऐसे परिवार में रहे होंगे और येभी सही हे , जो आज भी हमे वो यादे याद आती हे !

पर क्या दोस्तों आज के जमाने में ऐसा होता हे ,आज के लोग पहले जैसा नहीं रहना चाहते आज बस लड़के की जैसे ही शादी हुई वो अपनी पत्नी को लेके अलग परिवार बसा लेता हे ! और अपनी  माँ - बाप का घर छोड़ देता हे  दोस्तों मेरा मानना  हे की आज की तुलना में पहले के परिवारों में नुकसान नहीं था , दोस्तों आज की माये अपने  बच्चो को संभालने के लिए आया रखती हे , और पहले घर में दादा - दादी होते थे

दोस्तों बच्चो का डिपार्टमेंट उनके ही पास होता था वो लोग बच्चो को अच्छी शिक्षा देते थे , क्या वो चीज दोस्तों आज हमारे परिवार को मिलेगी जो हम अपनी बीवी को लेके अलग रहते हे  , क्या हमारे बच्चे  भी  हमारी तरह समझदार रहेंगे दोस्तों में  यह अपना क्यों बोल रहा हु ,की हमें बचपन  में हमारे घर वालो ने संभाला की आया ने हम दादा  दादी की गोद में खेल के बढे हुए दोस्तों तब हमारे में ये आज संस्कार हे , इस लिए दोस्तों में आज के जमाने के लोगो से कहना चाहता हु की आप भी अपने बढ़ो के साथ रहे तभी आपको जीवन में परिवार का महत्व समझमे आएंगे अन्यथा नहीं

पर दोस्तों फिर भी जीवन में परिवार का महत्व  कैसे समझा जाये दोतो आप कहेगे की पहले ऐसा नहीं था पहले घर का हर सदस्य काम नहीं करता था , तो सब घर में इकट्ठे रह सकते थे , और आज के जमाने में सब का अपना  अलग काम होता हे सब की अपनी जॉब होती हे , तो ऐसे में क्या करे , तो दोस्तों ये भी सब ठीक हे , आप आज के जमाने के हिसाब से चले और अपना काम जरूर करे काम तो सब केलिए एक जरुरी चीज हे !


पर दोस्तों जीवन में परिवार का महत्व  को समझने केलिए हम कुछ ऐसा नहीं कर सकते की हम जिन माँ - बाप  को छोड़ के आगये हे , उनकी कमी नहीं खले और वोभी खुश रहे , हा दोस्तों आप और हम ऐसा जरूर कर सकते हे हमे समय समय पे उनके पास  जाना चाहिए हमे उनके साथ वक्त बिताना चाहिए हमें उनसे बात चित करते रहना चाहिए , और ये भी दोस्तों जरुरी हे ,की आज की इस मेह्गाई भरी जिंदगी में ऐसा होता भी नहीं की हम केवल घर पर ही बैठ जाये तो दोस्तों आप को जोभी तरीका मिले अपनी परिवार से बात करने का उनके साथ समय बिताने का वो तरीका घुँडो बस कुछ भी कर के हमें जीवन में परिवार का महत्व समझना होगा

दोस्तों सय्युक्त परिवार के बहुत फायदे होते थे , दोस्तों हमे अगर परिवार या रिश्तेदार में कही जाना होता था तो हमारा काम सँभालने वाला हमारा भाई या चाचा होता था , अगर भाई कहि जाता था तो हम उसका काम संभाल लेते थे , और दोस्तों शादी ब्याह में घर का काम करने में कोई दिक्कत या मुसीबत नहीं आती थी ,हमारे यहा इतने लोग होते थे की  सब काम अच्छे से होते थे , किसी काम में दिक्कत नहीं आती थी सब काम होते थे

और दोस्तों छोटे परिवार की अगर बात करू तो किसी के घर में अगर एक ही इंसान काम करने वाला  हे तो सारा बोझ उसपे ही आता हे , चाहे वो कुछ भी काम करता हो उसे अगर कही जाना होतो सब काम छोड़ उसे  जाना पढ़ेगा  क्यों की दोस्तों वहा उसका काम सँभालने वाला कोई नहीं होता हे , आप को मेने बच्चो का उदाहरण तो पहले ही देदिया था , और दोस्तों ऐसे कई फायदे हे जो बढे परिवार में हे और छोटे में नहीं हे ,

दोस्तों हर इंसान के जीवन में फेमेली उसका परिवार बहुत अहमियत रखता हे , चाहे वो उसके माँ बात हो या उसके अपने बच्चे सब को वो बहुत प्यार करता  हे , और दोस्तों मेरा अपना अनुभव ये कहता हे की आज का हर इंसान सही हे , जो काम केलिए देश में कही भी जाके रहता हे उसको अपने परिवार की याद जरूर आती हे , अगर वो इंसान किसी

गांव का रहने वाला होगा तो वो अपनी गांव की मिटटी तक कोभी याद करता होगा अपने खेत खलिहान कोभी नहीं भूलता पर आज का इंसान किसी किसी काम में फसा हुवा हे इसी लिए वो जीवन में परिवार के  महत्व को नहीं समझ पार हा  हे , कोई इंसान दूर नहीं रहना चाहता हे अपनी परिवार से सब को याद आती हे , तो दोस्तों आपभी कही भी हो अपने परिवार से बात करे और होसकेतो उनसे मिलने भी जाये उनको भी अच्छा लगेगेगा और आप कोभी दोनों खुश रहेंगे

हा तो दोस्तों आप को मेरी ये पोस्ट जीवन में परिवार का महत्व केसी लगी प्लीज़ हमे बताये और दोस्तों में अब ये आशा करता हु की आप भी परिवार के महत्व को समझेंगे और दूसरे लोगो को भी बतायेगे !

धन्यवाद
विजय पटेल

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